PMGDISHA
पी एम जी दिशा क्या है? इससे किसी आम नागरिक को क्या लाभ है?
PMGDisha भारत सरकार की एक योजना है जो कि मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन के द्वारा लागू की गई है पीएमजी दिशा में PM से प्रधानमंत्री G से ग्रामीण D से डिजिटल S से साक्षरता और A से अभियान, तात्पर्य है इस योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान है इस योजना को 2017 में लागू किया गया था और पूरे भारत में इसके तहत 6 करोड़ लोगों को डिजिटल साक्षर करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया ताकि लोग डिजिटल लेन देन को आसानी से समझ सके और साइबर ठगी होने से बचने के तरीकों के बारे में जागरूक हो सके, तथा ई गवर्नेंस के जरिए अपने जीवन में सुधार कर सकें| अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं जहां तक केवल उत्तर प्रदेश का सवाल है तो पूरे उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा एक करोड़ 11 लाख लोगों को डिजिटल साक्षार करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है| इस योजना के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कम से कम एक कंप्यूटर ट्रेनिंग सेंटर को ट्रेनिंग के लिए मान्यता प्रदान करने के निर्देश हैं ताकि ग्राम पंचायत के लोगों को 10 दिन की ट्रेनिंग प्रदान करने के पश्चात किसी सर्टिफाइंग एजेंसी के माध्यम से उनका सर्टिफिकेशन टेस्ट कंप्लीट कराया जा सके और लोगों को डिजिटल साक्षर बनाया जा सके ताकि आने वाले समय में किसी भी परिस्थिति में जैसे कि नोटबंदी व लोकडाउन जैसी स्थिति में बाकी विकल्प आम जनता के पास मौजूद हो तथा भारत के इकोनामिक ग्रोथ में कम से कम नुकसान हो इसी के साथ ही यदि लाभार्थी के खाते में सरकार की तरफ से कोई राशि डाली गई है तो लाभार्थी अपनी इच्छा से किसी भी स्थिति में उसको खर्च या फिर उपयोग करने की स्थिति में हो| जहां तक आम नागरिकों के लाभ का संबंध है तो भारत सरकार 10 दिन की ट्रेनिंग के पश्चात लाभार्थी को एक डिजिटल सर्टिफिकेट प्रदान करेंगी जोकि कई प्रकार से लाभार्थी को भविष्य में काम आएगा| अलग-अलग व्यक्तियों के जीवन में इसके अलग-अलग लाभ हो सकते हैं
इस योजना में भारत सरकार ने 14 से 60 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों को साक्षर करने का लक्ष्य रखा है और इस आयु वर्ग में लोग कई सारे अलग अलग कार्यों से जुड़े होते हैं तो उनकी जरूरतें भी अलग-अलग होती हैं यदि व्यक्ति किसी स्कूल अथवा कॉलेज में शिक्षा ग्रहण कर रहा है तो यह सर्टिफिकेट एक कंप्यूटर एजुकेशन सर्टिफिकेट के रूप में कार्य करेगा, लेकिन जैसे ही कोई व्यक्ति बैंकिंग अथवा फाइनेंस सेक्टर में इंवॉल्व होता है तब यही सर्टिफिकेट उसके कंजूमर प्रोटेक्शन के लिए कार्य करता है क्योंकि आज के समय में प्रत्येक व्यक्ति के जीवन मे बैंकिंग एक अनिवार्य या फिर यूं कहें कि एक महत्वपूर्ण पहलू है, तो यह गलत नहीं होगा इसके अलावा जब आप किसी प्रोजेक्ट लोन के लिए बैंक को अप्लाई करते हैं तब यह सर्टिफिकेट आपके आर्थिक रूप से ट्रेन्ड व्यक्ति घोषित करता है तथा आपके दावे को मजबूती प्रदान करता है इसके अलावा भारत सरकार की भविष्य की नीतियों के यह कितना अहम साबित होने वाला हैं तो इसके लिए आने वाले समय का इंतजार करना ही उचित होगा क्योंकि इस सर्टिफिकेट को प्रत्येक भारतीय नागरिक को निशुल्क प्रदान किया जा रहा है वहीं पर यदि कोई व्यक्ति सीधे तौर पर इस योजना का लाभ लेना चाहता है तो उसको ₹70 का भुगतान भारत सरकार को करना होगा| यह योजना सर्वप्रथम NDLM फेज वन के रूप में शुरू की गई थी तथा बाद में इसी स्कीम को NDLM फेस 2 के रूप में लागू किया गया उस समय इसका ओवरऑल टारगेट 10,000 फेज़ वन में तथा 60,000 फेस 2 में पूरे देश के लिए था लेकिन यदि कोई व्यक्ति इस योजना में एक बार पंजीकरण करवा चुका है तो उसको दोबारा से इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा इसी के साथ ही इस योजना का एक अन्य पहलू यह भी है कि कोई भी व्यक्ति जिस ट्रेनिंग सेंटर पर अपना पंजीकरण कराता है तो उसको उसी केंद्र पर अपना सर्टिफिकेशन भी कराना होगा अन्यथा वह योजना का लाभार्थी नहीं माना जाएगा|
PMG दिशा मैं रजिस्ट्रेशन कैसे होता है तथा इसका सर्टिफिकेट कैसे प्राप्त होता है और यह कितने दिनों तक मान्य है??
PMG दिशा मे रजिस्ट्रेशन कराने के लिए व्यक्ति के पास आधार कार्ड होना आवश्यक है आधार निधार्रित कंसेंट देने के बाद ही इस योजना में किसी भी व्यक्ति का पंजीकरण किया जा सकता है आधार निर्धारित कंसेंट के लिए या तो व्यक्ति को अपने बायोमेट्रिक से कंसेंट देना होगा या फिर उसे मोबाइल पर OTP के माध्यम से कन्सेंट देना होगा परंतु जब लाभार्थी सर्टिफिकेशन टेस्ट के लिए जाता है तब उसे केवल बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के माध्यम से ही प्रोसेस को कंप्लीट करना होगा जब भी कोई व्यक्ति PMGDisha में रजिस्ट्रेशन कराता है और कन्सेंट के बाद आगे बढ़ता है तब उसको कुछ अन्य जानकारियां भी देनी होती है जैसे कि उसके पिता का नाम, माता का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल या फिर वह किस समुदाय से संबंधित है या किस जाति वर्ग से संबंधित है और कितना पढ़ा लिखा है तथा कौन सा मोबाइल यूज करता है एवं किस ट्रेड में ट्रेनिंग लेना चाहता है| इस प्रकार की सूचनाएं दर्ज करने के पश्चात उस व्यक्ति की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी हो जाती है तथा वह व्यक्ति अगले 10 दिन के अंदर डिजिटल लिट्रेसी प्राप्त कर लेता है इसके बाद उसको सर्टिफिकेशन के लिए दोबारा इनविजीलेटर के सामने उपस्थित होना पड़ता है तथा सर्टिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा करना होता है इस बात की मॉनिटरिंग एक सर्टिफाई एजेंसी द्वारा की जाती है| जिस से यह पता चलता है कि इस पूरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की कोई गड़बड़ी नहीं की गई है| सर्टिफिकेशन टेस्ट प्रोसेसिंग के कंप्लीट हो जाने के 15 मिनट के अंदर ही सर्टिफिकेट का प्रीव्यू दिखाई देने लगता है परंतु ओरिजनल सर्टिफिकेट के जारी होने में कई दिनों का समय भी लग सकता है जहां तक इस सर्टिफिकेट की मान्यता की बात है तो यह सर्टिफिकेट जीवन भर मान्य है तथा यह ठीक ऐसे ही कार्य करता है जैसे कि किसी व्यक्ति का एजुकेशनल डॉक्यूमेंट कार्य करता है जो कि जीवन भर मान्य होता है| जब भी किसी व्यक्ति का रजिस्ट्रेशन PMGDISHA स्कीम में होता है तब उस व्यक्ति को एक यूजर आईडी दे दी जाती है| इस यूजर आईडी का इस्तेमाल करने के पश्चात वह व्यक्ति अपने असाइनमेंट कंप्लीट करता है और फिर अपना टेस्ट अटेंड करता है जब व्यक्ति सर्टिफाई हो जाता है तब वह इसी यूजर आईडी का इस्तेमाल करके अपना सर्टिफिकेट डाउनलोड कर सकता है लेकिन यदि किसी कारणवश वह अपना सर्टिफिकेट नहीं ले पाता है तब वह गवर्नमेंट के द्वारा जारी किए गए डिजीलॉकर में जाकर अपने इस सर्टिफिकेट को फैच कर सकता है और प्राप्त कर सकता है|