Nanda Gaura Yojana

नंदा गौरा योजना, उत्तराखंड

शिक्षा | सशक्तिकरण | वित्तीय सहायता | महिला विकास

योजना का विवरण

उत्तराखंड सरकार ने नंदा गौरा योजना शुरू की है, जिसका उद्देश्य बालिकाओं को जन्म से लेकर उनकी शादी तक आर्थिक सहायता प्रदान करना है ताकि वे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें।
योजना के मुख्य उद्देश्य:

  • कन्या भ्रूण हत्या को रोकना।
  • बाल विवाह को समाप्त करना।
  • समाज में व्याप्त असमानता को कम करना।
  • उच्च शिक्षा के माध्यम से बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना।

इस योजना का लाभ केवल उत्तराखंड राज्य की स्थायी निवासी बालिकाओं को मिलेगा। लाभार्थी बालिका का संयुक्त बैंक खाता उसकी मां के साथ राष्ट्रीयकृत बैंक में खोला जाएगा। यदि मां जीवित नहीं है, तो पिता के साथ और यदि माता-पिता दोनों जीवित नहीं हैं, तो अभिभावक के साथ खाता खोला जाएगा।

बैंक खाता आधार नंबर से लिंक होना अनिवार्य है।


लाभ

क्रम संख्याचरणराशिभुगतान का माध्यम
1जन्म के समय₹11,000/-बैंक खाते में, ई-भुगतान के माध्यम से
2कक्षा 12वीं उत्तीर्ण करने पर₹51,000/-बैंक खाते में, ई-भुगतान के माध्यम से
कुल₹62,000/-

पात्रता मानदंड

  1. इस योजना का लाभ केवल उत्तराखंड राज्य की स्थायी निवासी बालिकाओं को मिलेगा।
  2. एक परिवार में अधिकतम दो जीवित बालिकाओं को ही लाभ दिया जाएगा।
  3. पहले चरण के लिए आवेदन बालिका के जन्म के 06 महीने के भीतर किया जाना अनिवार्य है।
  4. बालिका का जन्म केवल सरकारी/प्राइवेट अस्पताल या एएनएम केंद्र में होना चाहिए। (अन्य राज्यों के अस्पताल भी मान्य हैं)।
  5. जन्म प्रमाण पत्र के लिए संस्थागत प्रसव प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
  6. प्रशिक्षित दाई द्वारा किए गए प्रसव को संस्थागत प्रसव नहीं माना जाएगा।
  7. दूसरे चरण के लिए आवेदन हर वित्तीय वर्ष में 30 नवंबर तक किया जाना अनिवार्य है।
  8. आवेदन के लिए दिया गया बैंक खाता सक्रिय होना चाहिए।
  9. बालिका के परिवार की वार्षिक आय ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अधिकतम ₹72,000/- होनी चाहिए।
  10. आय प्रमाण पत्र केवल संबंधित तहसीलदार द्वारा जारी किया गया मान्य होगा।

आवश्यक दस्तावेज़

पहले चरण के लिए:

  1. स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
  2. संबंधित तहसीलदार द्वारा जारी अभिभावक की आय प्रमाण पत्र।
  3. संस्थागत प्रसव का प्रमाण पत्र (सरकारी/प्राइवेट अस्पताल द्वारा जारी)।
  4. बालिका का जन्म प्रमाण पत्र।
  5. माता/पिता/अभिभावक का आधार कार्ड।
  6. माता/अभिभावक के बैंक पासबुक का पहला पृष्ठ।
  7. संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र।

दूसरे चरण के लिए:

  1. स्थायी निवास प्रमाण पत्र।
  2. संबंधित तहसीलदार द्वारा जारी अभिभावक की आय प्रमाण पत्र।
  3. कक्षा 12वीं की उत्तीर्ण प्रमाण पत्र।
  4. जन्म तिथि प्रमाण पत्र।
  5. लाभार्थी का आधार कार्ड।
  6. स्व-घोषित अविवाहित प्रमाण पत्र।
  7. आवेदनकर्ता/लाभार्थी के बैंक पासबुक का पहला पृष्ठ।
  8. संबंधित आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा निर्धारित प्रारूप में प्रमाण पत्र।
  9. स्कूल द्वारा जारी प्रमाण पत्र।
  10. बालिका की माता का आधार कार्ड।

यह योजना बालिकाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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