Government Schemes for Drones
ड्रोन के लिए सरकार की योजनाएं
ड्रोन तकनीक के बढ़ते उपयोग को देखते हुए, सरकार ने विभिन्न योजनाओं और नीतियों को लागू किया है ताकि इस क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा दिया जा सके और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित किया जा सके। सरकार की ये योजनाएं ड्रोन उद्योग को एक संरचित और सुरक्षित ढंग से विकसित करने में मदद कर रही हैं।
ड्रोन नीति 2018
भारत सरकार ने अगस्त 2018 में ड्रोन नीति (ड्रोन रेगुलेशन 1.0) जारी की, जिसके तहत ड्रोन के संचालन, पंजीकरण और प्रशिक्षण के लिए दिशा-निर्देश निर्धारित किए गए थे। यह नीति विभिन्न श्रेणियों में ड्रोन के उपयोग को नियमित करती है और पंजीकरण की अनिवार्यता को लागू करती है। इसमें नो-फ्लाई जोन, उड़ान की ऊँचाई और समय जैसी सीमाओं को भी स्पष्ट किया गया है।
ड्रोन नीति 2.0
ड्रोन नीति 1.0 की सफलता के बाद, सरकार ने ड्रोन नीति 2.0 की घोषणा की। यह नीति ड्रोन के उपयोग के लिए और अधिक सरल और सुगम बनाने की दिशा में एक कदम है। इसमें ड्रोन के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा देने, नई तकनीकों को अपनाने, और ड्रोन के निर्माण और विकास को प्रोत्साहित करने के प्रावधान शामिल हैं।
डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म
ड्रोन संचालन को और भी अधिक सुरक्षित और नियंत्रित बनाने के लिए सरकार ने डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। यह एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जहां ड्रोन ऑपरेटर पंजीकरण, अनुमति और अन्य आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा कर सकते हैं। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से ड्रोन उड़ान के लिए अनुमति प्राप्त करना आसान और तेज हो गया है।
पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना
सरकार ने ड्रोन निर्माण को बढ़ावा देने के लिए पीएलआई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन दिया जाता है। यह योजना भारतीय ड्रोन उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
किसान ड्रोन योजना
खेती में ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने किसान ड्रोन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, किसानों को सब्सिडी पर ड्रोन उपलब्ध कराए जाते हैं और ड्रोन के उपयोग के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे किसानों को फसल की निगरानी, कीटनाशक और उर्वरक के छिड़काव, और सिंचाई प्रबंधन में मदद मिलती है।
ड्रोन स्किलिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम
ड्रोन उद्योग में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने ड्रोन स्किलिंग और ट्रेनिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस प्रोग्राम के तहत युवाओं को ड्रोन ऑपरेशन, मेंटेनेंस और प्रोग्रामिंग में प्रशिक्षण दिया जाता है। इससे न केवल रोजगार के नए अवसर पैदा होते हैं, बल्कि ड्रोन उद्योग के लिए कुशल मानव संसाधन भी उपलब्ध होता है।
ड्रोन के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट (आर एंड डी) प्रोत्साहन
ड्रोन तकनीक में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न अनुसंधान और विकास परियोजनाओं को प्रोत्साहित कर रही है। इसके तहत, शैक्षणिक संस्थानों और शोध संगठनों को ड्रोन से संबंधित परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
स्मार्ट सिटी पहल में ड्रोन का उपयोग
सरकार की स्मार्ट सिटी पहल में ड्रोन का उपयोग एक महत्वपूर्ण घटक है। शहरों की निगरानी, यातायात प्रबंधन, आपातकालीन सेवाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच के लिए ड्रोन का व्यापक रूप से उपयोग किया जा रहा है। इससे शहरी प्रबंधन और सेवा वितरण में सुधार हो रहा है।
सुरक्षा और निगरानी
सुरक्षा और निगरानी के लिए ड्रोन के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं शुरू की हैं। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को ड्रोन के माध्यम से अपराध की रोकथाम, आपदा प्रबंधन, और भीड़ नियंत्रण में सहायता मिलती है।
ड्रोन प्रशिक्षण: कहां से और कैसे प्राप्त करें
ड्रोन का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही ड्रोन संचालन के लिए कुशल पेशेवरों की मांग भी बढ़ी है। ड्रोन उड़ाने और उसके संचालन के लिए उचित प्रशिक्षण और लाइसेंस की आवश्यकता होती है। यहां बताया गया है कि आप ड्रोन प्रशिक्षण कहां से और कैसे प्राप्त कर सकते हैं:
1. सरकारी संस्थान और अनुसंधान केंद्र
भारत में कई सरकारी संस्थान और अनुसंधान केंद्र ड्रोन प्रशिक्षण प्रदान करते हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन (IID): यह संस्थान ड्रोन संचालन, मेंटेनेंस और ड्रोन की तकनीकी जानकारी पर विभिन्न कोर्सेज प्रदान करता है।
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR): कृषि में ड्रोन के उपयोग के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है।
- राष्ट्रीय उड्डयन विश्वविद्यालय: यह संस्थान ड्रोन और अन्य विमानन तकनीकों पर विशेष कोर्सेज प्रदान करता है।
2. निजी ड्रोन प्रशिक्षण अकादमी
भारत में कई निजी अकादमियां और संस्थान भी हैं जो ड्रोन संचालन और प्रबंधन के लिए विशेष कोर्सेज प्रदान करते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख संस्थान हैं:
- Asteria Aerospace: यह कंपनी ड्रोन संचालन और प्रबंधन पर विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करती है।
- Indrones Solutions: यह संस्थान ड्रोन तकनीक और संचालन के विभिन्न पहलुओं पर विशेष कोर्सेज आयोजित करता है।
- EduRade: यह ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षण और प्रमाणन प्रदान करता है।
3. ऑनलाइन कोर्स और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म
ऑनलाइन कोर्सेज और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी ड्रोन प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है। कई प्रतिष्ठित प्लेटफॉर्म जैसे कि Coursera, Udemy, और edX ड्रोन तकनीक और संचालन पर विभिन्न कोर्सेज प्रदान करते हैं।
4. सरकारी पंजीकृत ड्रोन स्कूल
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) द्वारा मान्यता प्राप्त ड्रोन स्कूलों से भी आप प्रशिक्षण प्राप्त कर सकते हैं। DGCA के निर्देशानुसार ड्रोन पायलटों को लाइसेंस प्राप्त करने के लिए इन संस्थानों से प्रशिक्षण लेना अनिवार्य है।
5. प्रशिक्षण की प्रक्रिया
- प्रारंभिक जानकारी: ड्रोन तकनीक और उसकी बुनियादी जानकारी के बारे में समझें।
- प्रायोगिक प्रशिक्षण: प्रायोगिक प्रशिक्षण के माध्यम से ड्रोन उड़ाना सीखें। यह प्रशिक्षण आमतौर पर प्रशिक्षकों की देखरेख में होता है।
- सिद्धांत प्रशिक्षण: ड्रोन के नियम, सुरक्षा मानक और हवाई क्षेत्र के बारे में जानकारी प्राप्त करें।
- प्रमाणन: प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, आपको प्रमाणन परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए DGCA द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से परीक्षा देनी होती है।
6. लाइसेंस प्राप्ति
ड्रोन संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। इसके लिए DGCA द्वारा निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करनी होती है। लाइसेंस प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- पंजीकरण: DGCA की वेबसाइट पर जाकर ड्रोन और ऑपरेटर का पंजीकरण करें।
- प्रमाणपत्र: मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण और प्रमाण पत्र प्राप्त करें।
- परीक्षा: DGCA द्वारा आयोजित परीक्षा में भाग लें और उत्तीर्ण हों।
- लाइसेंस: परीक्षा में सफल होने के बाद, आपको ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त होगा।
निष्कर्ष
ड्रोन प्रशिक्षण प्राप्त करना एक महत्वपूर्ण कदम है यदि आप ड्रोन तकनीक में करियर बनाना चाहते हैं या इसका उपयोग करना चाहते हैं। सरकारी और निजी संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करके, आप ड्रोन संचालन में कुशल बन सकते हैं और आवश्यक लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलाइन कोर्सेज और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म भी ड्रोन तकनीक के विभिन्न पहलुओं पर ज्ञान प्राप्त करने का एक प्रभावी तरीका हो सकते हैं।