Shauchalaya Sahayata Yojana
उत्तर प्रदेश सरकार की शौचालय सहायता योजना का उद्देश्य पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को अपने घरों में शौचालय बनाने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना है। यह योजना 2017 में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शुरू की गई थी, जिसका लक्ष्य भारत में खुले में शौच की प्रथा को समाप्त करना है। योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को शौचालय बनाने में सहायता दी जाती है, जिससे राज्य को खुले में शौच मुक्त (ODF) बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
लाभ:
इस योजना के अंतर्गत पात्र निर्माण श्रमिकों को ₹12,000/- की वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह राशि दो किश्तों में दी जाती है:
- शौचालय बनने से पहले ₹6,000/-
- शौचालय बनने और उपयोग में आने के बाद ₹6,000/-
पात्रता:
- आवेदक को उत्तर प्रदेश भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड के साथ पंजीकृत होना चाहिए।
- आवेदक का अपना घर होना चाहिए, जिसमें शौचालय न हो।
- आवेदक ने किसी अन्य सरकारी योजना से शौचालय निर्माण के लिए समान लाभ नहीं लिया होना चाहिए।
- आवेदक को नियमित रूप से योगदान जमा कराना चाहिए।
- आवेदक के पास आधार कार्ड होना आवश्यक है।
- आवेदक का किसी राष्ट्रीयकृत बैंक की CBS शाखा में बैंक खाता होना चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया (ऑफलाइन):
- जिला पंचायत राज अधिकारी पंजीकृत निर्माण श्रमिकों की सूची प्रदान करता है।
- ग्राम पंचायत सचिव/स्वच्छता कार्यकर्ता सूची को सत्यापित करते हैं और शौचालय रहित श्रमिकों की सूची तैयार करते हैं।
- श्रम विभाग, आवश्यकतानुसार, समाप्त हो चुकी पंजीकरण की अवधि को नवीनीकृत करता है।
- तैयार की गई सूची के आधार पर पात्र श्रमिकों से आवेदन प्राप्त किए जाते हैं।
- आवेदन प्राप्त करने के स्रोत:
- निकटतम श्रम कार्यालय।
- संबंधित तहसील के तहसीलदार।
- संबंधित विकास खंड के ब्लॉक विकास अधिकारी।
- ऑनलाइन डाउनलोड करके।
- आवेदन पत्र को पूरी तरह से भरें और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।
- भरे हुए आवेदन पत्र को उसी कार्यालय में जमा करें।
आवश्यक दस्तावेज:
- निर्माण श्रमिक पंजीकरण कार्ड की प्रति।
- आधार कार्ड की प्रति।
- बैंक पासबुक की प्रति (खाता संख्या, शाखा नाम और IFSC कोड सहित)।
- घोषणाएँ:
- किसी अन्य योजना से शौचालय निर्माण की सुविधा नहीं ली है।
- परिवार के पास स्थायी घर नहीं है।